Wednesday, December 17, 2014

{ ८३७ } {Nov 2014}





यादों में बसी उनकी याद कहीं नही जाती
कोई सदा कोई फ़रियाद लब पे नहीं आती
भटकता फ़िर रहा हूँ हर तरफ़ उदास-उदास
अपनों से अपनी बिछड़न सही नहीं जाती।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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