Saturday, October 25, 2014

{ ८१३ } {Oct 2014}






मेरी पीड़ा को किसने जाना-माना-पहचाना है
जमाने से हृदय में उद्वेग उठता थमता है।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

No comments:

Post a Comment