Sunday, September 28, 2014

{ ७६० } {April 2014}





दिल. में. नक्श. तुम्हारा. ही. उतारा. है
हर लम्हा. दिल ने तुमको ही पुकारा है
आखिरी. साँस तक जिसे भुला न सकूँ
वो नाम सिर्फ़ तुम्हारा सिर्फ़ तुम्हारा है।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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