Monday, March 31, 2014

{ ७५६ } {March 2014}





सब जान गये. कैसा है कागजी इंकलाब तुम्हारा
अब चेहरा न ढँक सकेगा नकली हिजाब तुम्हारा
देश-सेवा के नाम पर देते रहे आरँभ से ही धोखा
जनता के सवालों पर आता फ़र्जी जवाब तुम्हारा।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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