Monday, March 31, 2014

{ ७४६ } {March 2014}





गुमसुम से हम दिल में एक तूफ़ान छुपाये बैठे हैं
हमको न अवसर मिला व्यथा अपनी सुनाने का।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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