Friday, January 31, 2014

{ ७२१ } {Jan 2014}





कामनाओं का मचा हुआ उत्पात आँखों में
जल रही एक आग सी दिन रात आँखों में
बोझल हो चुके जुदाई के हर पल, हर दिन
राह तकते गुजर जाती हर रात आँखों में।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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