Saturday, November 30, 2013

{ ७०९ } {Nov 2013}





सारा वातावरण ही हो चुका घिनौना
यौवन का तन आज हुआ खिलौना
वैभव को मिल गई नभ सी ऊँचाई
पर मानव आज हुआ कितना बौना।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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