Sunday, September 29, 2013

{ ६८८ } {Sept 2013}





इश्क की राहों में बचे सिर्फ़ इम्तिहाँ हैं
फ़ासले इस लिये दिल के दरमियाँ हैं।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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