Saturday, April 13, 2013

{ ५३२ ) {April 2013}





तनहा डगर देख-देख कर
बावरी आँख भर गयी है
प्यार बे-आसरा हो गया
आस बेमौत मर गयी है।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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