Sunday, February 17, 2013

{ ४७३ } {Feb 2013}





आज अपना साया ही जब अजनबी हुआ
वो इश्क भी बीते कल की कहानियाँ हुईं
मोहब्बत में हमको और मिलता भी क्या
हुस्न की इश्क पर कब मेहरबानियाँ हुईं।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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