Monday, December 24, 2012

{ ४२९ } {Dec 2012}





मन का मैल हटा कर देखो मन देवालय हो जायेगा
फ़ूलों से अनुराग बढाओ काँटों का भय खो जायेगा
दुविधा के चौराहे पर क्यों चार दिशाओं में भटके हो
मन के मीत बनो, रस्ता जीवन का तय हो जायेगा।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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