Tuesday, December 25, 2012

{ ४४७ } {Dec 2012}





जेहन में ख्वाबों का मंजर है
पलकें आँसुओं का समन्दर है
मैं खाक तू आसमाँ का चाँद
इसलिये दिल पे रखा पत्थर है।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

No comments:

Post a Comment