Wednesday, September 26, 2012

{ ३५२ } {Sept 2012}






शान्ति रहती थी जहाँ कभी, अब
सिलसिला बस गया सवालों का
देश की धरती बारूद उगलती है
अब यहाँ दम घुटता उजालों का।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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