Sunday, June 3, 2012

{ २९६ } {June 2012}





मेरी आहों में अभी असर बाकी है
ज़िन्दगी में भी कुछ पहर बाकी है
उम्मीदों के चिराग न बुझाओ अभी
दूर है मंजिल भी और सहर बाकी है।।


-- गोपाल कृष्ण शुक्ल


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