Thursday, April 19, 2012

{ २४५ } {April 2012}





मुस्कुराकर जो तुम मिले होते
प्रीति दिल में उतर गई होती
कुछ देर के लिये ही सही, पर
मेरी दुनिया भी सँवर गई होती।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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