Monday, March 26, 2012

{ २२२ } {March 2012}





सुवासित पुष्प, वन-उपवन में छाई हरियाली
डाल-डाल कूकती पंचम स्वर में कोयल काली
मंजरियों से अटी पडी आम्र-वन की डाली-डाली
वल्लरियों से इठला रहा आज उपवन का माली ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल


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