Thursday, February 23, 2012

{ १७६ } {Feb 2012}





दिखता है वो जो मेरा साया
वो आज तक बना है पराया
अँधेरों की ही धूप दिखती है
शायद वो रोशनी का है साया।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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