Friday, January 13, 2012

{ १३८ } {Jan 2012}






जमाने में प्रेम के नाम पर
वासना का अजीब धन्धा है
कौन सुने-समझे किसी की
रूप बहरा है प्यार अन्धा है ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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