Wednesday, December 21, 2011

{ १०६ } {Dec 2011}






हर किसी के दिल मे आग नफ़रत की
प्यार हुआ घर-बेघर क्या किया जाये
दुनिया मे हाँथों ने अब फ़ूल के बदले
उठा लिया है पत्थर क्या किया जाये ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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