Monday, October 17, 2011

{ २८ } { October 2011 }






फिर से बुझा हुआ दीप देश का जलाना होगा
प्रगति पंथ पर बिखरे कंटकों को हटाना होगा
दान नहीं, हमें आजादी मिली अपना लहू देकर
उन क्रांतिवीरों के लहू का कर्ज चुकाना होगा ||

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल


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