Sunday, October 30, 2011

{ ६८ } {Oct 2011}





आओ हम हरियालियों से लहरायें
इस दुख-दर्द को चाँदनी मे नहलायें
ज़िन्दगी मे बाकी ज़िन्दगी जब तक
आओ हम खुशी से झूमे-नाचें-गायें ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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