Wednesday, October 19, 2011

{ ३९ } { October 2011 }








टीसते से रहते है मेरे दिल में यह सवाल बार - बार
कमजोर समझकर क्या अपना हो रहा रोज शिकार
भारत का ढंग बदलने को चक्र सुदर्शन उठाना होगा
गुलामों के शासन से बे-मायने है सुरक्षा की पुकार ||

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल


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