Sunday, October 9, 2011

{ २१ } { October 2011 }






ये सरिता चढ के उतर गई लगती है
या चलते चलते ठहर गई लगती है
हमदर्द एक भी नजर नही आता है
हमदएदी हद से गुजर गई लगती है।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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